क्यों खास है कल्कि धाम मंदिर, यहां जानें 10 महत्वपूर्ण तथ्य

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि संभल जिले में कल्कि धाम मंदिर किस इलाके में बनने जा रहा है, तो आपको बता दें कि इस मंदिर का निर्माण एंकरा कबोह इलाके में होगा।

-मंदिर के शिखर की ऊंचाई 108 फीट होगी और 11 फीट के ऊपर मंदिर का चबूतरा बनेगा।

-कल्कि धाम मंदिर का निर्माण उन पत्थरों से किया जाएगा, जिनसे सौराष्ट्र के सोमनाथ मंदिर और अयोध्या के श्रीराम मंदिर का निर्माण हुआ है।

-कल्कि भगवान विष्णु के 10वें के रूप में मान गए हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, पृथ्वी पर जब  कलयुग अंतिम समय पर होगा, तब भगवान विष्णु कल्कि का अवतार लेंगे और कलयुग का अंत करेंगे।

-मंदिर का निर्माण भव्य रूप से किया जाएगा, जिसके लिए पांच एकड़ का स्थान निर्धारित किया गया है। इस बड़े परिसर को भविष्य में आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए बनाया जा रहा है।

-कल्कि धाम मंदिर के निर्माण में किसी भी प्रकार का लोहा या स्टील नहीं लगा होगा। इस मंदिर का निर्माण भी इंटरलॉकिंग पद्धति पर किया जाएगा, जो कि भारत में मंदिर निर्माण की पुरानी शैली है।

-मंदिर का निर्माण पूरा होने की समय-सीमा अगले पांच वर्षों तक तय की गई है, जिसके बाद भव्य मंदिर में श्रद्धालु आ सकेंगे।

-मंदिर में 10 गर्भगृहों का निर्माण किया जाएगा, जो कि भगवान विष्णु के 10 अवतार को दर्शाएंगे।

-मंदिर में 68 तीर्थों की भी स्थापना होगी। वहीं, एक विग्रह भी स्थापित होंगे, जबकि पुराना कल्कि पीठ यथावत ही रहेगा।